सोमवार, 1 मार्च 2010

पंजाबी लोकगीत

ਸੁਨ ਵੇ ਫਿਰਂਗਿਯਾਂ ਸਧਰੌਂ ਭੇਰਿਯਾਂ,
ਮੈਂ ਤੇਨੂਆਸ ਸੁਨਾਵਾ|
ਛੁੱਟੀ ਰੇ ਮੇਰੇ ਸੁਰਮੇ ਮਾਹੀ ਨੂ
ਧਾਗਲ ਪਕਡੀ ਪਾਵਾਂ|

हिन्दी-सुन रे फिरंगिया सधरौं भेरियां,
मैं तेनू आस सुनावा।
छुट्टी रे मेरे सुरमे माही नू
धागल पकड़ी पावां

ਖਂਡ ਮਖਨਾ ਰੇ ਪਾਲੇ ਮਾਹੀ ਨੂਂ,
ਕਂਦੀਨੇ ਰਫ੍ਲ ਫਡਾਵਾਂ|
ਫਿਰਂਗਿਯਾ ਤਰਸ ਕਰੋ,
ਤੇਰਾ ਜਸ ਗਿਧੇ ਵਿਚਗਾਵਾਂ|

हिन्दी-खंड मखना रे पाले माही नूं,
कंदीने रफल फड़ावां।
फिरंगिया तरस करो,
तेरा जस गिधे विचगावां।

अर्थ- विरह वेदना से तड़पती हुई विरहनी फिरंगी को लालच देती हुई कहती है कि यदि
तू दया करके मेरे पति को छोड़ दे तो मैं तेरे यश को अपनी सखियों के झुंड में नाच-गाकर सुनाउंगी।

-डा. म्रत्युंजय उपाध्याय

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